- पत्रकार अपूर्वा चौधरी का आमरण अनशन : (Day-3) छोटे-छोटे बच्चों ने आकर पूछा पत्रकार दीदी का हाल


गाजियाबाद। वरिष्ठ पत्रकार अपूर्वा चौधरी द्वारा थाना मधुबन बापूधाम पुलिस के कथित तानाशाही रवैये दुर्व्यवहार और उत्पीड़न के विरोध में शुरू किया गया अनिश्चितकालीन धरना और आमरण अनशन अभी तक जारी है। अनशन के अधिक समय बीत जाने के बावजूद, किसी भी वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी द्वारा अभी तक इस मामले का संज्ञान नहीं लिया गया है। अपूर्वा ने अपनी मांगें पूरी होने तक शांतिपूर्ण अनशन जारी रखने का संकल्प दोहराया है। अपूर्वा चौधरी ने बताया कि 27 जून 2025 को उनकी गाड़ी से संबंधित एक दुर्घटना की शिकायत दर्ज कराने के लिए वे थाना मधुबन बापूधाम गई थीं। वहां थाना प्रभारी और पुलिस कर्मियों का व्यवहार अत्यंत आपत्तिजनक और अमानवीय था। इसके बावजूद, पुलिस ने न तो इस घटना पर कोई कार्रवाई की, बल्कि अपूवां को अपमानजनक तरीके से कार्यालय से बाहर खींचकर निकाला गया। थाना प्रभारी ने धमकी भरे लहजे में उनकी शिकायत वापस लेने और सोशल मीडिया पोस्ट हटाने का दबाव बनाया।
पत्रकार अपूर्वा चौधरी का आमरण अनशन: (Day 3) आजाद समाज पार्टी के समस्त पदाधिकारी एवं कार्यकर्ताओं का आभार @CMOfficeUP @DCPRuralGZB @ghaziabadpolice @monumartin1 @Uppolice @UPGovt pic.twitter.com/4C8gz8yZ7x
— Bharat ka Badalta Shasan (@Bharatkbs) July 3, 2025
28 जून 2025 को अपूर्वा ने इस मामले की लिखित शिकायत पुलिस आयुक्त, गाजियाबाद को सौंपी थी, जिसमें त्वरित कार्रवाई का आश्वासन दिया गया था। हालांकि, कोई ठोस कदम न उठाए जाने के कारण वे 1 जुलाई 2025 से गाजियाबाद जिला मुख्यालय पर अनिश्चितकालीन आमरण अनशन पर बैठ गई हैं। अपूर्वा ने कहा, “पुलिस का यह व्यवहार न केवल शर्मनाक है, बल्कि यह लोकतांत्रिक मूल्यों और न्याय व्यवस्था पर गंभीर प्रश्नचिह्न लगाता है।
पुलिस प्रशासन से निष्पक्ष जांच और त्वरित कार्रवाई की मांग
पुलिस आयुक्त कार्यालय से इस मामले पर अभी तक कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया गया है। प्रशासन की इस चुप्पी ने अपूवां और उनके समर्थकों के बीच असंतोष को और बढ़ा दिया है। गाजियाबाद में हाल के दिनों में पुलिस और नागरिकों के बीच तनाव की कई घटनाएं सामने आई हैं, जिसके कारण यह अनशन और भी महत्वपूर्ण हो गया है।