लखनऊ। उत्तर प्रदेश पावर कारपोरेशन प्रबंधन ने बिजली दरों पर सुनवाई के बीच विद्युत नियामक आयोग में बिजली दरों में करीब 30 प्रतिशत वृद्धि का प्रस्ताव दाखिल किया है। सबसे अधिक 35 से 45 प्रतिशत तक वृद्धि ग्रामीण व शहरी घरेलू उपभोक्ताओं की बिजली दरों में प्रस्तावित किया गया है। इसके साथ ही पावर कारपोरेशन ने निजीकरण पर नियामक आयोग का अभिमत हासिल करने का प्रस्ताव भी आयोग में दाखिल कर दिया है।
उत्तर प्रदेश पावर कारपोरेशन प्रबंधन ने शुक्रवार को बिजली दरों में बढ़ोत्तरी का यह प्रस्ताव नियामक आयोग में दाखिल किया। प्रदेश में पहली बार बिजली दरों में इतनी अधिक वृद्धि प्रस्तावित की गई है। जिसमें सबसे अधिक ग्रामीण घरेलू उपभोक्ताओं की बिजली दरों में 40 से 45 प्रतिशत की वृद्धि प्रस्तावित की गई है।
घरेलू शहरी विद्युत उपभोक्ताओं की दरों में 35 से 40 प्रतिशत तक वृद्धि प्रस्तावित की गई है। पावर कारपोरेशन प्रबंधन ने वर्ष 2025-26 के लिए राजस्व संग्रह क्षमता के आधार पर लगभग 19644 करोड़ रुपये का घाटा प्रस्तावित किया है।
गौरतलब है कि राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद ने बिजली कंपनियों पर उपभोक्ताओं के निकल रहे करीब 33122 करोड़ रुपये के एवज में बिजली दरों में 45 प्रतिशत तक कमी लाने का प्रस्ताव पहले ही नियामक आयोग में दाखिल कर चुका है।
श्रेणी दरों में प्रस्तावित वृद्धि
शहरी घरेलू करीब 35 से 40%
ग्रामीण घरेलू करीब 40 से 45%
कामर्शियल करीब 20 से 25 %
उद्योग करीब 15 से 18%
कुल औसत वृद्धि करीब 29 से 30%