- सुप्रीम कोर्ट ने रोहिंग्या शरणार्थियों को जबरन वापस भेजने के आरोप वाली याचिका पर नाराज़गी जताई। कोर्ट ने याचिकाकर्ता से सवाल किया कि जब देश मुश्किल दौर से गुज़र रहा है तो ऐसी काल्पनिक याचिका क्यों दायर की गई। कोर्ट ने रोहिंग्याओं को वापस भेजने पर अंतरिम रोक लगाने से इनकार कर दिया और याचिकाकर्ता को सबूत पेश करने का निर्देश दिया।
नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने रोहिंग्याओं को जबरन वापस भेजने और उन्हें अंतरर्राष्ट्रीय समुद्र में छोड़ने के साथ म्यांमार में वार जोन में भेज दिये जाने का आरोप लगाने वाली याचिका पर शुक्रवार को कड़ी फटकार लगाई।
शीर्ष अदालत ने कहा कि जब देश कठिन समय से गुजर रहा है, तब आप इस तरह की काल्पनिक याचिकाएं लेकर आ रहे, बहुत सुंदर कहानी गढ़ी है, क्या सुबूत हैं इसके, पेश कीजिए। इसके साथ ही शीर्ष अदालत ने रोहिग्याओं को वापस भेजने पर अंतरिम रोक की मांग ठुकरा दी।
अंतरिम आदेश देने से इनकार
ये आदेश न्यायमूर्ति सूर्य कांत और एन कोटिश्वर सिंह की पीठ ने रोहिंग्याओं को जबरन निर्वासित करने का आरोप लगाने वाली याचिका पर सुनवाई के दौरान दिए। कोर्ट ने याचिका में किए गए दावे पर सवाल उठाते हुए कहा कि आप सोशल मीडिया से सूचनाएं एकत्र कर याचिकाएं दाखिल नहीं कर सकते।
अंतरिम आदेश देने से इन्कार करते हुए कोर्ट ने कहा कि आपके पास अगर कोई सामग्री है तो आप उसे अटॉर्नी जनरल या सॉलिसिटर जनरल के ऑफिस के साथ साझा कर सकते हैं। साथ ही इस नयी याचिका को भी अटॉर्नी जनरल या सॉलिसिटर जनरल के दफ्तर भेजने का निर्देश दिया।