

- एसीपी कवि नगर भास्कर वर्मा ने जूस पिलाकर राखी पहलवान का आमरण अनशन करवाया समाप्त
गाजियाबाद।शहर में न्याय की गुहार को लेकर चल रहा राखी पहलवान का आमरण अनशन आखिरकार समाप्त हो गया। एसीपी कवि नगर भास्कर वर्मा ने स्वयं मौके पर पहुंचकर राखी पहलवान को जूस पिलाकर उनका अनशन तुड़वाया। इस दौरान पुलिस प्रशासन ने पीड़िता को भरोसा दिलाया कि उनकी तहरीर के आधार पर आरोपियों के खिलाफ सख्त और निष्पक्ष कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
गौरतलब है कि राखी पहलवान पिछले कई दिनों से न्याय की मांग को लेकर आमरण अनशन पर बैठी थीं। प्रशासनिक स्तर पर पहले भी कई प्रयास किए गए, लेकिन राखी अपने मांगों से पीछे हटने को तैयार नहीं थीं। लगातार कई दिन तक भूखी-प्यासी रहने के कारण उनकी तबीयत बिगड़ने लगी थी। चिकित्सकों की रिपोर्ट के अनुसार, उनकी सेहत में तेजी से गिरावट दर्ज की गई। यही कारण रहा कि प्रशासन ने प्राथमिकता के आधार पर उन्हें चिकित्सा सुविधा मुहैया कराने और अनशन समाप्त करवाने का निर्णय लिया।अनशन स्थल पर पहुंचे एसीपी भास्कर वर्मा ने राखी पहलवान से बातचीत कर उनकी समस्याओं को सुना और उन्हें आश्वस्त किया कि कानून के दायरे में रहते हुए आरोपियों पर कड़ी कार्रवाई होगी। उन्होंने कहा कि पीड़िता की तहरीर को पूरी गंभीरता से लिया गया है और जांच की प्रक्रिया में किसी भी प्रकार की ढिलाई नहीं बरती जाएगी।
राखी पहलवान ने भी प्रशासन की पहल को देखते हुए अपना अनशन समाप्त किया, लेकिन साथ ही उन्होंने कहा कि वह पूरे मामले पर न्याय मिलने तक संघर्षरत रहेंगी। उनका कहना था कि समाज में अपराधियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई तभी होगी, जब पीड़ितों की आवाज को गंभीरता से सुना जाए और उन्हें न्याय दिलाया जाए।स्थानीय लोगों और सामाजिक संगठनों ने भी राखी पहलवान के इस साहसिक कदम की सराहना की। उनका मानना है कि अगर आम जनता अपनी आवाज बुलंद करती है तो प्रशासन पर भी कार्रवाई का दबाव बनता है। वहीं दूसरी ओर, शहर की कानून-व्यवस्था पर भी सवाल उठे हैं कि आखिरकार क्यों पीड़िता को न्याय के लिए आमरण अनशन जैसा कठोर कदम उठाना पड़ा।
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— विख्यात खबरें (@VKhabrein) August 28, 2025
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एसीपी भास्कर वर्मा ने स्पष्ट किया कि कानून के सामने सभी समान हैं और किसी भी आरोपी को बख्शा नहीं जाएगा। उन्होंने भरोसा दिलाया कि जांच निष्पक्ष और पारदर्शी तरीके से होगी, जिससे पीड़िता को न्याय मिल सके। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि पुलिस प्रशासन पीड़ितों की सुरक्षा और सहायता के लिए हमेशा तत्पर रहेगा।राखी पहलवान का यह अनशन न सिर्फ एक व्यक्ति की न्याय यात्रा है, बल्कि समाज के लिए एक संदेश भी है कि अन्याय के खिलाफ आवाज उठाना जरूरी है। अब देखना यह होगा कि पुलिस प्रशासन दिए गए आश्वासन पर कितनी तेजी से कार्रवाई करता है और पीड़िता को कितना न्याय दिला पाता है।