साहिबाबाद : परिवहन निगम ने रोडवेज बसों के चालक-परिचालकों द्वारा सामान ले जाने के एवज में लोगों से मनमाना शुल्क वसूलने पर रोक लगाने के लिए कौशांबी डिपो से नौ राज्यों के लिए पार्सल बुकिंग सेवा शुरू की थी।
इससे चालक-परिचालकों का हस्तक्षेप पूरी तरह से खत्म हो गया था, लेकिन महज छह माह में ही यह पार्सल सेवा पूरी तरह से ठप हो गई।
दिल्ली के आनंद विहार से सटा होने के कारण कौशांबी डिपो पर प्रदेशभर के शहरों के यात्री पहुंचते हैं। रोजाना यहां पहुंचने वाली 800 से 900 बसों में करीब 35 से 40 हजार यात्री सफर करते हैं।
एक यात्री 25 किलो सामान ले जा सकता है निशुल्क
एक यात्री बस में केवल 25 किलो तक ही अपने पहनने व खाने का सामान निश्शुल्क ले जा सकता है। इससे ऊपर वजन का सामान ले जाने के लिए टिकट लेना पड़ता है।
साथ ही व्यावसायिक सामान छोटा हो या बड़ा बिना टिकट नहीं ले जा सकते हैं। वहीं, कुछ लोग खुद न जाकर केवल सामान भेजते हैं।
इनसे चालक-परिचालकों द्वारा मनमाना शुल्क वसूलने की आए दिन शिकायतें आती रहती थीं। वह बिना टिकट दिए ही रुपये ले लेते थे।
बीते वर्ष दिसंबर में शुरू की गई थी पार्सल बुकिंग
पारदर्शिता बनाए रखने के लिए कौशांबी डिपो से उत्तर प्रदेश, राजस्थान, दिल्ली, हरियाणा, पंजाब, उत्तराखंड, हिमाचल, मध्य प्रदेश समेत नौ राज्यों के लिए पार्सल बुकिंग सेवा बीते वर्ष दिसंबर से शुरू की थी।
लोगों को इन राज्यों के शहरों में जो भी सामान भेजना होगा था उसका टिकट पार्सल बुकिंग काउंटर से वजन के हिसाब से मिल जाता था।
मुख्यालय स्तर से एक निजी फर्म को इसका ठेका दिया गया था। अब फिर से रोडवेज चालक-परिचालकों की मनमानी व सामान भेजने वाले लोगों की परेशानी बढ़ गई है।