जुगनू गौतम, विख्यात खबरें
गाजियाबाद । अंतरराष्ट्रीय योग दिवस जीवक विद्यापीठ ट्रस्ट और बोनाफाइड इंस्टीट्यूट के संयुक्त तत्वाधान में योग शिविर का आयोजन हुआ। जिसमे निदेशक डॉ अशोक राज विमल ने बताया कि योग कर्मसु कौशलम… जिसका अर्थ है कर्मों में कुशलता ही योग है। योग शब्द का अर्थ है जोड़ना, इसमें मन, शरीर और भाव का मिलन होता है।योग का मानव जीवन में बड़ा ही महत्व है। यह शारीरिक, मानसिक, भावनात्मक और आध्यात्मिक विकास के लिए सबसे महत्वपूर्ण है। योग जीवन का आधार है। योग भारतीय संस्कृति की देन है।यह भारतीय प्राचीन अभ्यास है जो सदियों से मानव समाज को स्वस्थ और समृद्ध बनाने में मदद कर रहा है। नियमित योग करने से ना केवल शारीरिक स्वास्थ्य में सुधार होता है, बल्कि मानसिक शांति और भावनात्मक स्थिरता भी बनी रहती है। यह ऐसी जीवन शैली है, जो हमें ऊर्जावान बनाने में सहायता करती है।योग केवल एक दिन करने की चीज नहीं है। इसको तो दिनचर्या में शामिल करने की आवश्यकता है। योग का उद्देश्य है चित्त वृत्ति निरोध यानि मन के विचारों पर नियंत्रण। अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के लिए 21 जून इसलिए चुना गया है क्योंकि यह साल का सबसे लंबा दिन होता है, जो प्रकृति और मानव जीवन के बीच संतुलन का प्रतीक है।दरअसल योग बुद्धिज़्म के चार आर्य सत्य से लिया गया है। जीवन दुख है और यह दुख वास्तविकता है, दूसरा सत्य समुदाय यह है कि इस दुख का कारण हमारे मन में है, तीसरा आर्य सत्य निरोध, आशा प्रदान करता है मुक्ति और दुख से मुक्ति संभव है चौथा आर्य सत्यमार्ग प्राप्त करने की विधि बताता है। जिसे बौद्ध अनुयाई मध्यम मार्ग कहते हैं।यह शरीर को संतुलन में लाता है और इसे गहराई से आराम देता है ताकि हम अवलोकन या माइंडफलनेस के माध्यम से मन के साथ काम कर सकें , और अंततः शरीर की वास्तविक प्रकृति को समझ सकें।अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पर सभी साधकों को मंगलकामनाएं।आओ हम सब मिलकर इस योग दिवस पर अपने देश को स्वस्थ और समृद्ध बनाने का संकल्प लेते हैं। इस अवसर पर मुख्य रूप से प्रवेश कुमार, सुंदरपाल गौतम, सुंदर बौद्ध, जुगनू गौतम, मोनिका गौतम,दीपक कुमार आदि मौजूद रहे।