मुरादनगर। बिना नक्शा पास कराए ऑफिस बनाने की अनुमति देने के लिए जीडीए(गाजियाबाद विकास प्राधिकरण) के जेई के सुपरवाइजर को एंटी करप्शन टीम मेरठ ने दो लाख रुपये की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ पकड़ लिया। मौके से दूर खड़ा जेई भागने में कामयाब रहा।
पीड़ित से शिकायत मिलने पर एंटी करप्शन विभाग की टीम कार्रवाई करने मुरादनगर पहुंची। रिश्वत मांगने वाला आरोपित जेई फरार चल रहा है। आरोपित जेई की तलाश की रही है। सुराना गांव के रहने वाले सुरेंद्र कुमार व्यवसायिक इस्तेमाल के लिए रावली रोड पर चुंगी नंबर के तीन के निकट एक ऑफिस का निर्माण करा रहा हैं।
पांच लाख रुपये की रखी थी डिमांड
उनके अनुसार स्थानीय जेई अजीत कुमार ने उनसे कहा कि वे बिना नक्शा पास कराए निर्माण करा सकते है, लेकिन इसके लिए उनसे पांच लाख रुपये की मांग की। रिश्वत न देने पर जेई उनके ऑफिस को गिराने की धमकी भी दे रहा था। परेशान होकर पीड़ित ने इस संबंध में एंटी करप्शन विभाग में शिकायत की।
शिकायत मिलने पर एंटी करप्शन विभाग, मेरठ के निरीक्षक दुर्गेश कुमार व निरीक्षक मयंक अरोड़ा के नेतृत्व में टीम मौके पर पहुंची और दो लाख रुपये की रिश्वत लेते जेई के सहयोगी सुपरवाइजर राजकुमार रंगे हाथ पकड़ा। मौके से दूर खड़ा टीम को देखकर भाग निकला। विभाग की टीम ने आरोपित के सहयोगी रहे सुपरवाइजर राजकुमार को गिरफ्तार कर लिया। टीम सुपरवाइजर से पूछताछ कर रही है।
फिल्मी स्टाइल में रिश्वत लेने पहुंचे जेई व सुपरवाइजर
एंटी करप्शन विभाग के अधिकारियों के कहने पर पीड़ित ने जेई के सहयोगी को दो लाख रुपये लेने के लिए चुंगी नंबर तीन के निकट बुलाया था। प्लानिंग के तहत सभी नोटों पर कैमिकल लगा दिया गया था। तय समय पर दोनों रकम लेने पहुंचे।
सावधानीवश जेई खुद दूर खड़ा रहा और सुपरवाइजर को पैसे लेने भेज दिया। जैसे ही सुपरवाइजर ने पैसे थामे विभाग की टीम ने उसे दबोच लिया। यह देखकर जेई वहां से भाग निकला। टीम ने उसका पीछा करने का प्रयास किया, लेकिन सफल नहीं हो सके। केमिकल लगे नोटों को थामने के कारण जब सुपरवाइज के हाथों के धुलवाया गया तो वे लाल हो गए।