नई दिल्ली। देश की सबसे बड़ी एयरलाइंस कंपनी इंडिगो को तर्किश एयरलाइंस के साथ अपने कारोबारी संबंधों को सीमित करना ही होगा। भारत सरकार ने एक बार फिर यह संदेश इंडिगो को दिया है। इंडिगो ने तर्किश एयरलाइंस से दो विमान लीज पर लिए हैं।
नागरिक उड्डयन महानिदेशालय ने शुक्रवार को इंडिगो को दो बोइंग 777 विमानों को पट्टे पर लेने की अवधि 31 अगस्त तक के लिए बढ़ा दी है, हालांकि लीज को लंबी अवधि तक बढ़ाने से विमानन नियामक ने मना कर दिया है। लीज की अवधि 31 मई को समाप्त हो रही थी।
डीजीसीए ने सुनाया फैसला
इंडिगो ने नवंबर, 2025 तक इन विमानों को संचालित करने की अनुमति मांगी थी लेकिन सिर्फ अगस्त, 2025 तक की ही इजाजत मिली है। माना जा रहा है कि तुर्किये सरकार की तरफ से पाकिस्तान को दिए जाने वाले समर्थन के कारण डीजीसीए ने यह फैसला लिया है। ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भी तुर्किये ने पाकिस्तान को सैन्य मदद दी थी।
डीजीसीए के फैसले के बाद इंडिगो को तर्किश एयरलाइंस के साथ विमान लीज का समझौता अगस्त में समाप्त करना होगा। इंडिगो ने तर्किश एयरलाइंस से बोइंग 777- 300 ईआर माडल के दो विमान को लीज पर ले रखा है।
जानिए क्या है समझौता
- दोनों कंपनियों में हुए समझौते के मुताबिक तर्किश एयरलाइंस विमान के साथ ही इसके पायलट और विमान के लिए कुछ क्रू भी देती है, जबकि जबकि बुकिंग और ग्राउंड हैंडलिंग का काम इंडिगो करती है। ये विमान इंडिगो के अंतरराष्ट्रीय उड़ानों में बहुत मदद करते हैं। यह इंडिगो के साथ ही तर्किश एयरलाइंस के लिए भी फायदे का सौदा है, क्योंकि उसे भारत की सबसे बड़ी एयरलाइंस के साथ काम करने का मौका मिलता है।
- जबकि इंडिगो को भारी भरकम निवेश किए बगैर अंतरराष्ट्रीय सेवा देने का मौका मिलता है। दोनों एयरलाइनों के बीच कोड शेयरिंग समझौता भी है इसके जरिये इंडिगो तर्किश एयरलाइंस जरिये 40 अंतरराष्ट्रीय उड़ान मार्गो में अपने यात्रियों को सेवाएं देती है। इस समझौते के जरिये वह भारतीय यात्रियों को सस्ती दर पर अंतरराष्ट्रीय यात्रा मुहैया करा पाती है।
- तीन महीने की अनुमति देते हुए डीजीसीए ने साफ कर दिया है कि इसके बाद इंडिगो को विमान लीज पर रखने की अनुमति नहीं मिलेगी। उसे लीज खत्म करना होगा। इंडिगो के सीईओ पीटर एलबर्स ने कहा है कि वह भारत सरकार के हर निर्देश का पालन करेंगे। केंद्रीय नागरिक विमानन मंत्री राम मोहन नायडू ने पिछले दिनों यह संकेत दे दिया था कि सरकार तर्किश एयरलाइंस से पट्टे पर लिए गए विमानों के बारे में कठोर फैसला कर सकती है।