- गाजियाबाद के जिला महिला अस्पताल में एक गर्भवती महिला की मौत
- विजयनगर निवासी पिंकी को ब्लीडिंग हो रही थी और उसे दो निजी अस्पतालों ने इलाज से मना कर दिया था। अस्पताल पहुंचने पर उसे मृत घोषित कर दिया
- बीते एक साल में गाजियाबाद में 28 गर्भवती महिलाओं की मौत हो चुकी है। लापरवाही के चलते उचित इलाज न मिलने से ऐसी घटनाएं हो रही हैं।
गाजियाबाद। जिला महिला अस्पताल में मंगलवार को उपचार के लिए लाई गई गर्भवती महिला की मौत हो गई l पहली बार अस्पताल प्रबंधन ने महिला के शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा हैl साथ ही स्थानीय पुलिस को भी इसकी सूचना दी गई है।
सीएमएस डॉक्टर अलका शर्मा ने बताया कि विजयनगर स्थित कृष्णा नगर के रहने वाले मनोज की पत्नी पिंकी को ब्लडिंग हो रही थी। पिंकी पांच माह की गर्भवती थी। मनोज पिंकी को लेकर पहले दो प्राइवेट अस्पतालों में गया लेकिन उन्होंने इलाज करने से इनकार कर दियाl इसके बाद पिंकी को लेकर वह महिला अस्पताल पहुंचा, यहां पर चिकित्सकों ने जांच के बाद महिला को मृत घोषित कर दिया l
अप्रैल में महिला अस्पताल में तीन महिलाओं की मौत
महिला को बुखार के साथ टाइफाइड भी था। बता दें गाजियाबाद में पिछले एक साल में 28 गर्भवती महिलाओं की मौत हो चुकी हैl अप्रैल में जिला महिला अस्पताल में ही तीन महिलाओं की मौत के बाद सीएमओ स्तर से डेथ ऑडिट कराया जा रहा हैl गर्भवती महिलाओं की मौत का मुख्य कारण समय पर हाई रिस्क प्रेगनेंसी को चिन्हित नहीं किया जाना है और समय पर उनको आयरन और कैल्शियम की गोलियां नहीं दी जाती है।
तीन माह के बाद अनिवार्य रूप से होने वाली अल्ट्रासाउंड जांच भी अधिकांश महिलाओं की नहीं की जा रही हैl यह स्थिति तब है जबकि जिले में 68 अल्ट्रासाउंड केदो पर जांच की निशुल्क व्यवस्था की गई है।
जिला स्वास्थ्य समिति द्वारा गर्भवती महिलाओं की मौत को लेकर हर महीने ऑडिट कराया जाता है लेकिन इसमें भी लापरवाही बरती जा रही है और स्वजन से लापरवाही बरतने वाले चिकित्सकों के खिलाफ कोई शिकायत नहीं ली जा रही।