गाजियाबाद पौराणिक तीर्थनगरी,शुकर्तीथ स्थित शुकदेव आश्रम में भाग्यशाली वरिष्ठ नागरिक कल्याण समिति, गाजियाबाद के तत्वाधान आये श्रृदालुओं को सम्बोधित करते हुए पीठाधीश्वर स्वामी ओमानंद महाराज ने कहा कि मानव जीवन अमूल्य है जो जन्म जन्मान्तरों के पुण्यों से प्राप्त होता है अमूल्य जीवन को व्यर्थ नही गवांना चाहिए. समय की कीमत समझें जो व्यक्ति समय की आराधना करता है वो आलस्य और जडता से दूर हो जाता हैं जीवन के प्रत्येक क्षण का सदुपयोग ईश्वर की भक्ति और परमार्थ में करनी चाहिए क्योंकि मनुष्य जीवन दुर्लभ है उन्होंने कहा कि व्यक्ति में सात्विक प्रवृति विकसित होती है .पाप प्रवृतियों से बचेंगें तो सच्चे सुख की अनभूति होगी,सदैव पृभू स्मरण के साथ सत्कर्म और पुरुषार्थ करते रहें,हमारे जीवन तथा संसार में जो कुछ भी हो रहा है वह प्रभू के अधीन है इसे हमेशा याद रखिए सत्कर्मों एंव पुरूषार्थ से सच्चे सुख की प्राप्ति है.इससे पहले श्रृद्धालुओं ने शिक्षा ऋषि स्वामी कल्याण देव जी महाराज की समाधि व कारगिल बलिदानी स्मारक में बलिदानियों को नमन किया तथा हनुमत धाम, गणेशधाम,दुर्गाधाम,शिवधाम श्री गंगा मंदिर पूजा अर्चना कर परसाद चढाया. प्राचीन अक्षय वटवृक्ष की परिक्रमा का मनौती धागा भी बांधा,इस भ्रमण कार्यक्रम में राजेश कुमार जादोन के साथ अजय त्रिपाठी, बृजेश कुमार शर्मा, यतेन्द्र कुमार सेंगर,योगेन्द्र पाल सिंह, रजनीकांत शुक्ल, नरेन्द्र कुमार जैन, के पी सिंह, कृष्ण मुरारी शर्मा, सुभाष सोलंकी, जोगराज जोग,जय सिंह चौहान, के सनसैया व श्रीमती किरन जादोन, निरूपमा त्रिपाठी, कुसुम सेंगर,सुनीता शर्मा,सुप्रभा जैन,बिमलेश जादोन, प्रमोद कुमारी, के लक्ष्मी,सुनीत जोग, बृजलता शर्मा,बिमला जादोन, सीमा त्रिपाठी आदि मौजूद रहे.इस आध्यात्मिक यात्रा में पुरा महादेव मंदिर में पूजा कर के यात्रा सम्पूर्ण हुई.
