नई दिल्ली। देशभर में इस बार होली का रंग और रमजान की रौशनी एक साथ देखने को मिली। 64 साल बाद ऐसा संयोग बना जब होली और जुमे की नमाज एक ही दिन पड़ी। लेकिन सुरक्षा व्यवस्था के चलते देश के किसी भी हिस्से से कोई अप्रिय घटना सामने नहीं आई। सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम, भाईचारे की मिसाल
उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, बिहार, राजस्थान सहित कई राज्यों में प्रशासन ने खास इंतजाम किए। ड्रोन से निगरानी, मस्जिदों और मदरसों को त्रिपाल से ढकने जैसे कदम उठाए गए। यूपी में 18 जिलों में नमाज का समय बढ़ाकर दोपहर 2:30 बजे कर दिया गया। रैपिड एक्शन फोर्स और राज्य पुलिस पूरी मुस्तैदी से तैनात रही।
संभल, शाहजहांपुर, अयोध्या में सुरक्षा रही चाक-चौबंद
संभल की जामा मस्जिद के सामने से होली का जुलूस निकला, लेकिन कोई अप्रिय घटना नहीं हुई। शाहजहांपुर और उन्नाव में हल्के हंगामे को पुलिस ने तुरंत काबू में कर लिया। वहीं, अयोध्या में एक दर्दनाक हादसे में चार दोस्तों की जान चली गई।
मध्य प्रदेश : इबादत भी, उल्लास भी
एमपी के इंदौर, भोपाल, ग्वालियर और जबलपुर में भी सख्त इंतजाम किए गए। लेकिन इस बार माहौल अलग था। नमाज के बाद मुस्लिम समुदाय ने होली भी खेली और पुलिस अधिकारियों को गुलाब भेंट किए। विदिशा में मुस्लिम भाइयों ने होली के जुलूस पर फूल बरसाकर सौहार्द का संदेश दिया।
राजस्थान : पुष्कर की भांग और अजमेर की टमाटर होली
राजस्थान में होली का अलग ही रंग देखने को मिला। पुष्कर में इंटरनेशनल होली फेस्टिवल का आयोजन हुआ, लेकिन भांग के अधिक सेवन से 40 लोगों को अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा। अजमेर में टमाटरों से होली खेली गई, तो डूंगरपुर में लोग दहकते अंगारों पर चले।
मुंबई, अहमदाबाद और दिल्ली में कड़ी निगरानी
मुंबई के जुहू बीच पर सुबह से शाम तक होली खेलने वालों की भीड़ रही। दिल्ली में 25 हजार पुलिसकर्मियों की तैनाती की गई थी। अहमदाबाद में मंदिरों में श्रद्धालु बड़ी संख्या में पहुंचे और उत्सव मनाया।
अमन और मोहब्बत का पैगाम
यह होली सिर्फ रंगों का नहीं, बल्कि भाईचारे का भी प्रतीक बनी। नमाज और होली के मेल ने देश में सांप्रदायिक सौहार्द की मिसाल पेश की। हर रंग में गंगा-जमुनी तहजीब की झलक नजर आई।